Poems

आता हुआ अतीत

आता हुआ अतीत,
भविष्य जिसे जीते हुए भी
अभी जानना बाक़ी है
 
दरवाज़े के परे ज़िंदगी है,
और अटकल लगी है मन में कि
बाहर या भीतर
इस तरफ़ या उधर
यह बंद है या खुला !
किसे है प्रतीक्षा वहाँ मेरी
किसकी है प्रतीक्षा मुझे
अभी जानना बाक़ी है
 
एक कदम आगे
एक कदम छूटता है पीछे
सच ना चाबी है ना ही ताला
 
 
(पत्थर हो जाएगी नदी, 2007)